अजिंक्य रहाणे क्यों 17 नंबर को मानने लगे हैं अपने लिए लकी
विशाखापत्तनम: अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) लगातार 17 टेस्ट तक शतक नहीं जड़ पाए थे लेकिन अब अच्छी फार्म में चल रहा है मध्यक्रम का यह बल्लेबाज अपने लिए इस नंबर को भाग्यशाली मानने लगा है. टेस्ट टीम के उप कप्तान रहाणे पर वेस्टइंडीज दौरे में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था. उन्होंने एंटीगा में पहले टेस्ट मैच में 81 और 102 रन की पारियां खेलकर फार्म में वापसी की थी.
'17 का कोई कनेक्शन है'
रहाणे ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट क्रिकेट मैच से पहले कहा, ‘आपको प्रत्येक मैच और श्रृंखला से सीख मिलती है. मुझे अपने टेस्ट पदार्पण के लिए दो साल, 17 टेस्ट तक इंतजार करना पड़ा और फिर इस शतक के लिए 17 टेस्ट तक इंतजार किया. मुझे लगता है कि इसमें कुछ संबंध है.’
'विंडीज जाने से पहले शतक के बारे में नहीं सोच रहा था'
उन्होंने कहा, ‘जब मैं हैंपशर की तरफ से खेल रहा था तो सोच रहा था कि पदार्पण से पहले मेरी मानसिकता कैसी थी. इन 17 टेस्ट मैचों में मैं शतक नहीं लगा पाया. मैं शतक लगाने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहा था लेकिन मैं वहां तक नहीं पहुंच रहा था. इसलिए वेस्टइंडीज में मैंने फैसला किया कि चाहे कुछ भी हो मैं शतक बनाने के बारे में नहीं सोचूंगा. अगर शतक लगना है तो वह लगेगा.’

अजिंक्य रहाणे टेस्ट क्रिकेट में 2 साल से शतक नहीं लगा पाए थे.
रहाणे ने कहा कि उन्होंने फार्म में वापसी के लिए अपनी तकनीकी में खास बदलाव नहीं किए. इस 31 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा, ‘बाहर से भले ही यह आसान लगे लेकिन मेरे लिए यह खुद की क्षमता पर विश्वास करने से जुड़ा था. मैं तकनीकी बातों पर गौर नहीं कर रहा था. यह सब मुश्किल परिस्थितियों में मानसिकता से जुड़ा मामला था.’
4 साल पहले टीम इंडिया ने कर दिया था सफाया
दक्षिण अफ्रीका को भले ही एबी डिविलियर्स और डेल स्टेन की सेवाएं नहीं मिलेंगी लेकिन रहाणे ने कहा कि उनकी टीम को हल्के से नहीं लिया जा सकता है. भारत ने चार साल पहले दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से करारी शिकस्त दी थी.
किसी टीम को हल्के में नहीं ले सकते
उन्होंने कहा, ‘हमें घरेलू सरजमीं पर अभी दक्षिण अफ्रीका (तीन टेस्ट) और बांग्लादेश (दो टेस्ट) के खिलाफ पांच टेस्ट मैच खेलने हैं. टेस्ट चैंपियनशिप के कारण आप किसी भी टीम को हल्के से नहीं ले सकते हैं. यहां तक कि चैंपियनशिप से पहले भी हम किसी टीम को हल्के से नहीं लेते थे और अब जबकि इससे अंक जुड़ गये हैं तो फिर प्रत्येक मैच महत्वपूर्ण बन गया है. अंकों के लिहाज से टेस्ट जीतने और ड्रा कराने में बड़ा अंतर है. जब आप घरेलू श्रृंखला में जीत दर्ज करते हो और फिर विदेश दौरे पर जाते हो तो आपके पास घरेलू श्रृंखला में हासिल किये गये अंकों का लाभ होता है.'
दो स्पिनर और दो पेसर के साथ उतरेगा भारत!
पहले टेस्ट मैच के लिए पिच सपाट दिख रही है. भारत इस पर दो स्पिनरों और दो तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकता है. रहाणे ने कहा, ‘हम परिस्थितियों को देखकर टीम संयोजन तय करेंगे. हनुमा विहारी (जो छठे नंबर पर उतरते हैं) भी स्पिन गेंदबाजी कर सकते हैं और इससे अंतर पैदा होता है. भारत में हम बमुश्किल ही देखते हैं जब हम तीन तेज गेंदबाजों के साथ खेलें.’
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